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Author: Simran Sharma

इस फिल्म में गुरु दत्त ने एक ऐसे डायरेक्टर की स्टोरी को दिखाया है जो एक अनाथ लड़की को स्टार बना देता है और उसके काफी करीब आ जाता है। 

कागज के फूल

गुरु दत्त ने एक शायर की स्टोरी को बहुत ही रिएलिटी के साथ दिखाया है जिसकी जिन्दा रहते कोई कद्र नहीं होती लेकिन मरने के बाद उसे स्टार बना दिया जाता है। 

प्यासा

दिलीप कुमार की 'गंगा जमुना' साल 1961 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। फिल्म में दो गरीब भाइयों गंगा और जमुना की कहानी दिखाई गई है। 

गंगा जमुना

1960 में रिलीज़ हुई मुग़ल-ए-आज़म में सम्राट अकबर के शासनकाल के दौरान राजकुमार सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी दिखाई है।

मुग़ल-ए-आज़म

इस मूवी में एक हस्बेंड से परेशान वाइफ की स्टोरी को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दिखाया है। हालांकि गुरु दत्त इस मूवी के डायरेक्टर नहीं थे। 

साहेब बीवी और गुलाम

डायरेक्टर महबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ 1957 में रिलीज हुई। फिल्म में बॉलीवुड एक्टर सुनील दत्त और नरगिस के साथ राजेंद्र कुमार तुली नजर आए थे। 

मदर इंडिया

फिल्म 'श्री 420'साल 1955 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में नरगिस, नादिरा, निम्मी और ललिता पवार भी लीड रोल में थे। 

श्री 420

दिलीप कुमार स्टारर फिल्म 'नया दौर' 1957 में रिलीज़ हुई थी। इसमें वैजयंती माला भी थी। इसका कलर वर्जन 2007 में रिलीज़ हुई थी। 

 नया दौर 

ये फिल्म साल 1952 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म 'बैजू बावरा' के लिए मीना कुमारी को फिल्मफेयर का बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड भी दिया गया था। 

बैजू बावरा

'मधुमती' में दिलीप कुमार ने देवेंद्र और आनंद की दोहरी भूमिका निभाई थी। दिलीप की सस्पेंस फिल्म 'मधुमती' ने उत्तराखंड के हुस्न से आम लोगों का तार्रुफ कराया था।

मधुमती