आज भी सबकी जुबान पर रहते हैं नवाजुद्दीन सिद्दिकी के ये धांसू डायलॉग्स

Author: Sonam

भगवान के भरोसे मत बैठिए क्‍या पता भगवान हमारे भरोसे बैठा हो

मांझी- द माउंटेन मैन

पैदा तो मैं भी शरीफ हुआ था, पर शराफत से अपनी कभी नहीं बनी

किक

खेल कोई भी हो हम गरीब लोग या तो जीतते हैं  या सीखते हैं हारते कभी नहीं

फ्रीकी अली

धंधे में दो चीजों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए एक तो खुद से पैदा होने वाले खौफ पे और दूसरा किसी के साथ पे

गैंग्स ऑफ वासेपुर

मेरी अम्‍मी कहती है कि कभी कभी गलत ट्रेन भी सही जगह पहुंचा देती है

द लंचबॉक्‍स

जीत में तो हर आदमी साथ देता है  साथी तो वो है जो हार में भी साथ दे

फ्रीकी अली

जिसे जिंदगी की परवाह होती है मां कसम, मरने को मजा उसी को आता है

किक

तोहार को इतना चाहते है, इतना चाहते है, इतना चाहते है, इतना चाहते है, कितना चाहते है का बताये सीना चीर के दिखाए बजरंगबली जैसा

मांझी - द माउंटेन मेन

मैं मौत को छूकर टक से वापस आ सकता हूं'

किक